कंप्यूटर की खोज दशकों पहले की गई थी कंप्यूटर के विकास में कई डिवाइसों ने उसका साथ दिया उसके बाद कंप्यूटर अपनी आज तक की यात्रा को सफलतापूर्वक पूर्ण कर पाया कंप्यूटर के विकास में इस लेख में Generation Of Computer In Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया हैं।
जैसा की हम जानते है कंप्यूटर का खोज बहुत पहले हुआ था। मगर क्या आपको पता है कंप्यूटर विकास को पीढ़ियों में बांटा गया है आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कंप्यूटर कई पीढ़ियों से हमारा काम आसान कर रहा है और आगे भी हमें सुविधाएं प्रदान करता रहेगा।
कंप्यूटर क्या हैं
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है या बिजली से चलने वाला यंत्र है जो हमारे निर्देश अनुसार कार्य करके हमारे काम को आसान बनाता है। कंप्यूटर बहुत प्रकार के यंत्रों से मिलकर बनता है खासतौर पर कंप्यूटर में इनपुट यंत्र होता है जिससे कंप्यूटर हमारे निर्देश को समझता है और उस पर कार्य करता है फिर आउटपुट यंत्रों की सहायता से हमारे निर्देशों पर किए गए कार्य को हमें प्रदान करता हैं।
कंप्यूटर एक ऐसी कल्पना थी जिसमें व्यक्ति अपने निर्देश देकर एक मशीन से कुछ कार्य करवाना चाहता था। इस वजह से आज से सदियों पहले abacus नाम के यंत्र का खोज किया गया जिसकी मदद से इंसान गिनती के काम को आसान बनाया।
उसके बाद 17वी सदी में नेफर्स बोन ने पहली बार एक ऐसे कंप्यूटर की संरचना की जो जोड़, घटाव और गुनाह जैसे गणित काम कर सकता था। इसके बाद कंप्यूटर के पितामह कहे जाने वाले चार्ल्स बैबेज ने अपनी संरचना से आधुनिक कंप्यूटर की तस्वीर सबके आगे रखी। अंत में कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के अन्य खोज किए गए जैसे 1946 में वैक्यूम ट्यूब आया जिसने इंसान को बिजली से चलने वाली यंत्र की सटीक परिभाषा समझाई।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म इन हिंदी
Computer का फुल फॉर्म Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research होता है।वैसे आपको बता दें कि आधिकारिक तौर पर कंप्यूटर का कभी कोई फुल फॉर्म नहीं बनाया गया और ना ही किसी किताब में कंप्यूटर का फुल फॉर्म दिया गया यह इंटरनेट पर मौजूद कुछ लोगों के द्वारा स्वयं संरचना किया गया फुल फॉर्म हैं।
Generation Of Computer In Hindi
आपको पता है computer की खोज 17 वी सदी से चली आ रही है इस खोज में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर ने हमारा साथ दिया कंप्यूटर को बनाने या उसको विकास करने का ख्याल प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वैक्यूम ट्यूब को देख कर आया था जिसे 1946 में विकसित किया गया।
कंप्यूटर के पीढ़ियों को 5 भाग में बांटा गया है सब के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी नीचे दी गई हैं।
1. फर्स्ट जनरेशन ऑफ कंप्यूटरस
यह वो कंप्यूटर है जिन की संरचना 1946 से 1956 के बीच की गई। इस पीढ़ी की शुरुआत 1946 के सर्वप्रथम कंप्यूटर एनिक से की गई ENIAC-Electronic Numerical Integrator And Computer।
प्रथम श्रेणी के कंप्यूटर में बहुत सारे कंप्यूटरों का खोज किया गया मगर उनमें बदलाव की बहुत ज्यादा जरूरत थी क्योंकि वह आकार में बहुत बड़े हुआ करते थे, बहुत कम जानकारी स्टोर कर सकते थे, इस वजह से हम उस कंप्यूटर में डाउनलोड या अपलोड की सुविधा नहीं डाल पाए उसमें ऐसे तकनीकों का इस्तेमाल किया गया जो उस जमाने में बहुत महंगे हुआ करते थे जिस वजह से कंप्यूटर का दाम बढ़ गया और आम जनता इसका इस्तेमाल नहीं कर पाई।
प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर के कुछ खास लक्षण
- यह कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े हुआ करते थे।
- यह कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब नाम के तकनीक का इस्तेमाल करके काम करते थे।
- खास प्रकार के मशीनी और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर काम किया करते थे।
- इस कंप्यूटर में बहुत कंदेसर और फैन लगे होते थे।
प्रथम पीढ़ी के नुकसान क्या हैं
- यह कंप्यूटर आकार में बहुत बड़ा होता था।
- इस प्रकार के कंप्यूटर बहुत ज्यादा गर्म होते थे जो एक कमरे को गर्म कर देते थे।
- या कंप्यूटर ज्यादा जानकारी को एकत्रित नहीं कर सकते थे।
- इस कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के लिए कमरे में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करना पड़ता था।
2. दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी 1956 से 1964 तक चली। इस पीढ़ी में बहुत सारे अहम कंप्यूटर को बनाए गया, 1947 में जब ट्रांजिस्टर का खोज हुआ तब विलियम शॉक्ली वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर किया और वह अपने एक्सपेरिमेंट में कामयाब रहे।
जब कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल शुरू हुआ तो कंप्यूटर आकार में थोड़ा छोटा भी हो गया और उसके कार्य करने की गति में भी तेजी आई मगर उस वक्त भी कंप्यूटर का आकार एक कमरे के जितना बड़ा होता था जिसे हर जगह लगाना और ले जाना आसान नहीं था।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के लक्षण
- यह वह कंप्यूटर था जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम और प्रिंटर जैसे अलग-अलग डिवाइस को जोड़ा जा सकता था।
- प्रथम पीढ़ी के अपेक्षा कम खर्चीला और ज्यादा तेज कार्य कर सकता था।
- COBOL एवं FORTRAN जैसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल करता था।
- वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया जिसमें इसके आकार को छोटा बनाया।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान
- बिना उचित प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान हुए आप इसका किसी भी प्रकार से इस्तेमाल नहीं कर सकते थे।
- प्रथम कंप्यूटर की तुलना में आकार में छोटा और पहले जितना गर्मी नहीं देता था मगर फिर भी यह कंप्यूटर एक कमरे का होता था।
- इस कंप्यूटर का रखरखाव काफी कठिन था इसे आप ही का स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जा सकते थे।
2. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी 1965 से 1971 तक चली। इस कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के अस्थान पर IC या इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल किया गया। 1964 में इंटीग्रेटेड सर्किट की खोज की गई जो एक प्लेट की तरह होता था जिसमें हम छोटे-छोटे ट्रांसलेटर और विभिन्न प्रकार के डिवाइस जोड़ सकते थे इस अविष्कार ने कंप्यूटर की पीढ़ी में क्रांति लाने का कार्य किया।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर अब इतने महंगे नहीं हुआ करते थे इनके दाम में और उनके आकार में बड़ी तेजी से बदलाव आया। अब कंप्यूटर आपके टेबल पर फिट होने लगे थे। इस पीढ़ी के सबसे प्रचलित कंप्यूटर ICL 2903, ICL 1900, हुआ करते थे।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के लक्षण
- यह कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे हो गए थे और एक टेबल पर फिट आ सकते थे।
- कंप्यूटर में अब इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल किया गया।
- यह कंप्यूटर बाकी सभी पीढ़ियों के मुकाबले काफी तेज थे और ज्यादा जानकारी एकत्रित कर सकते थे।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान
- आईसी सर्किट या आईसी चिप का निर्माण काफी कठिन तरीके से हो पाता था।
- अभी भी कंप्यूटर को रखने के लिए कमरे को ठंडा रखने की आवश्यकता थी।
- बिना सटीक प्रोग्रामिंग भाषा के कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था।
3. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी 1971 से 1985 तक चली। इन वर्षों में इंटीग्रेटेड सर्किट को और विकसित किया गया पुराने जमाने में यह सर्किट का प्लेट बहुत बड़ा हुआ करता था इसे छोटा किया गया और इसकी क्षमता को बढ़ाया गया चौथी पीढ़ी का इंटीग्रेटेड सर्किट लगभग तीन लाख ट्रांजिस्टर के बराबर अकेले काम कर सकता था।
इस आविष्कार ने कंप्यूटर के पूरे दिमाग को एक डिब्बे में कैद कर दिया और हमारे बीच CPU आया। इंटीग्रेटेड सर्किट को और ज्यादा विकसित करके एक स्थान पर लाया गया जिससे किसी खास प्रकार के निर्देश को कंप्यूटर के अलग अलग हिस्से में बाटाजा सके और कंप्यूटर उन निर्देशों पर और तेजी से काम कर सके।
चौथी पीढ़ी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर का नाम ALTAIR 8800 यह वही कंप्यूटर है जिस पर बिल गेट्स ने सबसे पहले बेसिक प्रोग्रामिंग भाषा से विंडोज की कोडिंग को लिखा।
बिल गेट्स की उस कोडिंग के बाद कंप्यूटर की दुनिया में एक बहुत बड़ी क्रांति आई है कंप्यूटर को अब हार्डवेयर से हटाकर सॉफ्टवेयर के ऊपर निर्भर कर दिया गया हम कंप्यूटर में किस प्रकार का कोड और सॉफ्टवेयर डाल रहे है कंप्यूटर अब इस प्रकार से कार्य करने लगा।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषता
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में CPU कंप्यूटर का हिस्सा बना।
- कंप्यूटर की मेमोरी को बढ़ाया गया और आकार को छोटा किया गया।
- इंटीग्रेटेड सर्किट को विकसित किया गया।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान
- इस कंप्यूटर में इंटरनेट या ग्राफिक की सुविधा नहीं थी।
- इस कंप्यूटर का माइक्रोप्रोसेसर चिप जल्दी खराब हो जाता था।
- इस कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ा नहीं जा सकता था।
4. कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी
कंप्यूटर के पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1985 से अब तक को कहा जाता है। यह वह कंप्यूटर है जिसमे कंप्यूटर के विकास को हार्डवेयर पर निर्भर नारा के सॉफ्टवेयर पर निर्भर किया गया।
इस पीढ़ी में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर भाषाओं का खोज किया गया और कंप्यूटर विभिन्न भाषाओं के अनुसार कार्य करता था जिसके आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट जैसे आधुनिक तकनीक का आविष्कार किया गया।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर विभिन्न आकार के हैं।
- कम्प्यूटर में ग्राफिक और मल्टीमीडिया को जोड़ा गया।
- कंप्यूटर में इंटरनेट को जोड़कर कार्य करना शुरू किया गया।
- कंप्यूटर के स्टोरेज को अधिकतम लेवल तक बढ़ाया गया।
- नई भाषाओं की खोज की गई जिसके आधार पर कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन को ऐड किया गया जिससे कार्य और आसान हो सके।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान
- यह कंप्यूटर इतना आधुनिक है कि मानव मस्तिष्क को स्वस्थ एवं कमजोर बना देता हैं।
- इस कंप्यूटर ने मानव को कंप्यूटर पर निर्भर होना सिखा दिया।
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निष्कर्ष
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