दोस्तों हिंदी ग्रामर एक ऐसा विषय है इसे जितना समझा जाए उतना ही कम है। हिंदी ग्रामर में क्रिया के बारे में लोग जानना चाहते है और अगर आप जानना चाहते हो कि Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai तो आज आपको हमारे इस महत्वपूर्ण लेट को शुरुआत से लेकर अंतिम तक पढ़ना होगा क्योंकि हमने अपने इस लेख में क्रिया के भेद के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी दिए और साथ ही साथ इसे उदाहरण देकर भी समझाया हुआ है और अगर आपने लेट को ध्यान से नहीं समझा तो आपको क्रिया का भेद समझ में नहीं आएगा।
क्रिया के भेद और प्रकार के बारे में जानने के लिए नीचे दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझने का प्रयास करें एक भी जानकारी मिस ना करें नहीं तो आपको आज का यह विषय समझ में नहीं आएगा और आपको फिर से इंटरनेट पर अपना इसी विषय पर जानकारी हासिल करने के लिए बेफिजूल का समय व्यर्थ करना पड़ सकता है।
क्रिया किसे कहते है
दोस्तों अगर आपको क्रिया किसे कहते है इसकी जानकारी नहीं है तो हम आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि बिना क्रिया के कोई भी वाक्य नहीं बनते यानी कि आप कर सकते है कि जिस वाक्य में कार्य करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है उसी को क्रिया करते हैं।
दोस्तों हम आपको उदाहरण के जरिए यह बता दें कि क्रिया की पहचान कैसे की जाती है अगर आप क्रिया की पहचान कर लेते हो तो आप बहुत ही आसानी से क्रिया की परिभाषा खुद से बना लेते हो जैसे राम आम खाता है इसमें क्रिया आपका आम है और राम खेलने जा रहा है इस वाक्य में क्रिया खेलना है अगर आपको क्रिया की पहचान करने आ रही है तो आप बहुत ही आसानी से खुद से डेफिनेशन बना सकते हो।
दोस्तों अगर आपको क्रिया से संबंधित और भी ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को शुरू से अंत तक अवश्य करें ताकि आपको हमारा यह लेख जरूर समझ में आ सके और कहीं पर भटकने की आवश्यकता बिल्कुल भी ना पड़े।
क्रिया को कब हम इस्तेमाल करते है
दोस्तों अभी तक आपने क्रिया किसे कहते है इसकी जानकारी हासिल की अब हम बात करेंगे कि आखिर क्रिया का इस्तेमाल कब और कहां किया जाता है ऐसे में हम आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि क्रिया के इस्तेमाल वाक्य को पूरा करने के लिए किया जाता है अगर आप यह सोच रहे है कि बिना क्रिया के वाक्य बनाए जाएं तो आप गलत सोच रहे हो क्योंकि बिना क्रिया के कोई भी वाक्य कभी भी पूरा नहीं हो सकता क्रिया आपको किसी भी रूप में मिल सकता है जैसे वर्तमान भूत और भविष्य किसी भी रूप में आपको क्रिया मिल सकता है।
हम उदाहरण के जरिए कुछ वाक्य की मदद से हम आपको यह बताने वाले है कि क्रिया का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और इसकी जानकारी नीचे बताने वाले है जिसे आप पढ़ कर बहुत ही आसानी से समझ सकते हो।
राम और श्याम दोनों भाई है और वह दोनों एक ही साथ पढ़ने के लिए बैठेते है दोनों भाई आपस में मिलकर एक ही साथ रहते है और वह दोनों कभी भी खेलने के लिए जाते है तो दोनों एक ही साथ जाते है अब हम आपको यह बताएंगे कि इस वाक्य में क्रिया क्या है इस वाक्य में क्रिया पढ़ने, मिलकर, रहते, खेलने और जाते है आप इस तरीके से क्रिया की पहचान कर सकते हो।
क्रिया के कितने भेद होते है
दोस्तों अगर हम आपको साधारण भाषा में बताएं कि किया कि केवल दो ही भेद होते है लेकिन रचना के आधार पर देखा जाए तो क्रिया के अलग-अलग भेद होते है वाक्य को पूरा हम रचना के आधार पर करते हैं।
क्रिया के भेद
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
1. सकर्मक क्रिया
दोस्तों सकर्मक क्रिया का अर्थ होता है कि क्रिया के साथ कर्म का होना यानी कि आप कह सकते है जिस वाक्य में कर्ता के होने के साथ-साथ इस वाक्य का पूरा बल कर्म पर पड़ता है तो उसी को हम सकर्मक क्रिया करते हैं।
जैसे
कृष्णा बांसुरी बजा रहा हैं।
गीता गाना गा रही हैं।
विराट कोहली मैच खेल रहा हैं
श्याम और राम मिलकर गेम खेल रहे हैं।
अंशिका फल खा रही हैं।
दोस्तों अगर आप यह जानना चाहते हो कि सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं तो ऐसे में हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सकर्मक क्रिया के दो भेद होते है जिसे हमने आपको नीचे आपको बताया हुआ है जिसे आप पढ़ कर समझ सकते हो।
- एककर्मक क्रिया
- द्विकर्मक क्रिया
2. अकर्मक क्रिया
दोस्तों हम अकर्मक क्रिया उसे कहते है जिसमें कर्ता के साथ कोई कर्म नहीं होता यानी कि आपका सकते है कि जिस वाक्य में कर्म नहीं होता है उसी को हम अकर्मक क्रिया करते हैं।
अकर्मक क्रिया के उदाहरण हंसना, रोना, नाचना, जाना, खाना और आना इत्यादि
दोस्तों अगर हम बात करें रचना के आधार पर तो रचना के आधार पर क्रिया निम्नलिखित चार प्रकार के होते है जिन्हें हमने नीचे आपको विस्तार से उनके बारे में बताया हुआ है जिसे आप पढ़ कर बहुत ही आसानी से उनके बारे में जानकारी हासिल कर सकते हो।
- संयुक्त क्रिया
- नामधातु क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- कृदंत क्रिया
3. संयुक्त क्रिया
दोस्तों संयुक्त क्रिया हम उस क्रिया को कहते है जिसमें एक ही साथ दो या दो से अधिक क्रिया होते है हमारे कहने का यह मतलब है कि जिस वाक्य में एक ही साथ दो क्रिया जुड़े हुए होते है उन्हीं को हम संयुक्त क्रिया करते है जैसे बोल दिया, पा लिया और मार खा लिया।
4. नामधातु क्रिया
दोस्तों नामधातु क्रिया का अर्थ होता है कि जिस में क्रिया के अलावा किसी दूसरे चीज की मदद से वाक्य बनता है उसी को हम नामधातु क्रिया करते हैं। नामधातु क्रिया बनाने के लिए आप संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण का उपयोग कर सकते हो इनकी मदद से आप बहुत ही आसानी से नाम धातु क्रिया बना सकते हो।
5. कृदंत क्रिया
दोस्तों कृदंत क्रिया में प्रत्यय को छोड़कर कोई भी वाक्य
क्रिया के रूप में बन जाता है तो उसी को हम कृदंत क्रिया
कहते हैं।
6. प्रेरणार्थक क्रिया
दोस्तों जब कर्ता अपना काम खुद से न करके किसी और से करवाता है तो उसी को हम प्रेरणार्थक क्रिया करते हैं।
क्रिया के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
यहाँ पर मैंने ऐसे पांच सवालों के जवाब दिए है जो की अक्सर लोग हॉल मार्क के बारे में पूछते रहते हैं।
Q. क्रिया के कितने भेद होते है?
दोस्तों अगर आपको क्रिया के कितने भेद होते है इसकी जानकारी नहीं है तो हमने आपको ऊपर क्रिया के कितने भेद होते है इसकी जानकारी बहुत ही सरल भाषा में बताई हुई है जिसे आप पढ़ कर बहुत ही आसानी से समझ सकते हो।
Q. क्रिया को कैसे पहचाने?
दोस्तों अगर आप क्रिया को नहीं पहचान पाते हो तो ऐसे में हम आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि जिस वाक्य में कोई काम हो रहा है उसी को हम क्रिया कहते हैं।
Q. क्रिया का दूसरा नाम क्या है?
क्रिया का दूसरा नाम करना हैं।
निष्कर्ष
अगर आपको Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hai लेख हेल्पफुल रहा है तो फिर आप यह लेख अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना और इसके अलावा अगर आपको इस लेख से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो उसके लिए आप नीचे कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।