आप कभी कोई कागज निकलवाना होता है और आप किसी दुकान में जाते है वहां आप एक मशीन देखते है जो कम्प्यूटर से जुड़ी होती है और दुकानदार कंप्यूटर में चुन कर आपका कागज उस मशीन से निकलता है। क्या आपके मन में कभी यह विचार आया है कि यह कौन सा मशीन है और यह कैसे काम करता है अगर आपके जवाब हां है तो इस लेख में हम आपको Printer Kya Hai के बारे में विस्तार पूर्वक बताने जा रहे हैं।
एक बात जो बड़ी आसानी से आप समझ सकते है कि प्रिंटर एक यंत्र है जो बिजली से चलता है इसका मुख्य काम किसी चीज को प्रिंट करना होता है अर्थात कंप्यूटर में दिखने वाली चीजों को एक कागज में आपके समक्ष ला सकता है प्रिंटर क्या है इस बात को विस्तार पूर्वक इस लेख में बताया गया हैं।
प्रिंटर क्या है
एक मशहूर वैज्ञानिक जोहान्स गुटेनबर्ग ने 1440 में अपने निजी काम के लिए प्रिंटर नाम के यंत्र का आविष्कार किया 1450 में प्रिंटर का सार्वजनिक और व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया जाने लगा।
प्रिंटर बिजली से चलने वाला एक ऐसा यंत्र है जिसके इस्तेमाल से हम कंप्यूटर में मौजूद डिजिटल सूचना को कागज पर छाप सकते है। प्रिंटर का इस्तेमाल करके हम कंप्यूटर की जानकारी को कागज पर लाते है और उसे अपने जरूरत अनुसार इस्तेमाल करते हैं।
प्रिंटर कैसे काम करता है
प्रिंटर का मुख्य काम होता है कंप्यूटर में मौजूद डिजिटल जानकारी को कागज पर छापना मगर 14वीं सदी में जब गुटेनबर्ग ने सर्वप्रथम प्रिंटर का खोज किया तब इसका इस्तेमाल कागज में लिखी एक जानकारी को बिना दुबारा लिखे बहुत सारे कागजों में लिखने के लिए किया जाता था बिल्कुल आज के जेरॉक्स की तरह।
बहुत सालों तक इस प्रक्रिया के चलने के बाद कंप्यूटर के पिता कहे जाने वाले चार्ल्स बैबेज ने 19वीं सदी में सबसे पहले बिजली से चलने वाले प्रिंटर को अपने डिफरेंट इंजन के लिए बनाया। इसके बाद लोगों के बीच प्रिंटर की मांग बड़ी तेजी से बड़ने लगी जिसके बाद 1968 में जापान की इस्पों नाम की कंपनी ने सर्वप्रथम सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए प्रिंटर बनाने का व्यापार शुरु किया।
उन्होंने अपने बिजली से चलने वाले प्रिंटर का नाम EP – 101 रखा। यह यंत्र टाइपराइटर और टेली टाइपिंग मशीन का एक मिश्रण हुआ करता था जिसे चलाने के लिए इस मशीन में ही टाइप करना पड़ता था लेकिन 1984 में HP कंपनी में बिजली से चलने वाला ऐसा प्रिंटर बनाया जिससे केबल के जरिए कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता था।
आज के समय जिस प्रिंटर का इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के जीवन में करते है वह इस प्रिंटर का विकसित वर्जन है। यह प्रिंटर केबल के जरिए कंप्यूटर से जुड़ा होता है और कंप्यूटर में हम अपना कार्य करके डिजिटल संरचना में अपना आउटपुट पाते है जिसे प्रिंटर केबल के जरिए कागज पर छपता हैं।
आसान भाषा में प्रिंटर के अंदर ऐसे मशीन लगे होते है जो केबल के जरिए कंप्यूटर से जुड़ जाते है और कंप्यूटर में जो भी डिजिटल जानकारी है उससे बिल्कुल उसी तरह कागज में छपते है उसके बाद यह कागज आपको मिलता है जिसका आप अपने जरूरत अनुसार इस्तेमाल करते हैं।
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प्रिंटर के प्रकार
जिस प्रकार प्रिंटर को 14 मी सदी से 21वी सदी तक लाया गया और इस दौरान हमने प्रिंटर में काफी बदलाव देखा तो प्रिंटर को अच्छे से समझने के लिए हमने प्रिंटर को दो भागों में विभाजित किया हैं।
- Impact Printer
- Non Impact Printer
1. Impact Printer
यह एक खास किस्म का पेंटर है जिसका आजकल ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है ये वो प्रिंटर है जिनमें रबड़ की नींव होती है जो रिबन पर टाइप करती है। ये प्रिंटर बिल्कुल वैसे ही काम करता है जैसे एक टाइपराइटर काम करता है। यह टाइपराइटर बहुत आवाज करता है मगर इसकी लागत सस्ती होने के कारण इसका इस्तेमाल किया जाता हैं।
इंपैक्ट प्रिंटर के दो प्रकार होते हैं-
Character Printer
ये वो प्रिंटर है जिसके जरिए केवल अक्षर टाइप किए जा सकते है ग्राफिक डिजाइन या फोटो इस प्रिंटर के जरिए नहीं छापा जा सकता है। यह प्रिंटर एक बार में एक अक्षर छपता है जिस वजह से इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी होती है इसका इस्तेमाल भी आजकल हम अधिक नहीं करते हैं।
प्रिंटर में विभिन्न अक्षरों को छापने के लिए विभिन्न तरीके का इस्तेमाल किया जाता है और जिस तरीके से हम अक्षर को कागज पर छाप रहे है उस आधार पर प्रिंटर को अलग-अलग भाग में विभाजित किया गया है। इसी वजह से इंपैक्ट प्रिंटर के दो प्रकार होते हैं।
Dot Matrix Printer
यह एक इंपैक्ट प्रिंटर का प्रकार है जिसका इस्तमाल स्याही वाले रिबन से विभिन्न अक्षरों की आकृति बनाने के लिए किया जाता है। यह काफी धीमा काम करता है मगर एक शाही वाले रिबन के जरिए अलग-अलग आकृति को कागज पर छपता है और इसमें काफी कम लागत लगता हैं।
Daisy Wheel Printer
जब इंपैक्ट प्रिंटर के जरिए किसी अक्षर को छापा जाता है तो एक नीव के जरिए कागज पर मारा जाता है। इसी प्रक्रिया में एक प्लास्टिक के चक्के के आकार का नीव प्रिंटर में लगाया जाता है जो गुलबहार के फूल की तरह दिखता है जिसे अंग्रेजी में daisy कहा जाता है। और वहा से इस प्रिंटर का नाम पड़ता हैं।
वो चक्का गुलबहार के फूल की तरह दिखता है और उसमें अलग-अलग अक्षर की आकृति बनी हुई होती है जब वह चक्का घूमता है तो कागज पर अलग-अलग अक्षर छपती जाती हैं।
Line Printer
यह दूसरे प्रकार का इंपैक्ट प्रिंटर है यह एक बार में एक लाइन को कागज में छाप सकती है जिस वजह से इसे लाइन प्रिंटर कहते है आज भी इस प्रिंटर का इस्तेमाल बहुत सारे व्यापार में किया जा रहा है इस प्रिंटर की लागत कम होती है और एक बार में एक लाइन छापने पर इसकी रफ्तार थोड़ी अधिक भी होती हैं।
Non impact printer
यह एक खास किस्म का प्रिंटर है जो किसी चीज को प्रिंट करने के लिए कागज पर रबड़ की नीव से मारकर नहीं लिखता जिस वजह से इस प्रिंटर से आवाज भी नहीं आती है और यह प्रिंटर बड़ी शांति से साफ-साफ प्रिंट कर पाता है इस प्रिंटर में हम ग्राफिक डिजाइनर या फोटो को भी कागज पर छाप सकते हैं।
आजकल नन इंपैक्ट प्रिंटर का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है मगर इस प्रिंटर के खास दो प्रकार है जिनका इस्तेमाल अधिक रूप से किया जा रहा हैं।
Laser Printer
यह एक उत्तम श्रेणी का प्रिंटर होता है जो एक रोशनी के जरिए कागज पर विभिन्न अक्षरों की और फोटो की आकृति बनाता है यह किसी भी प्रकार की गलती नहीं करता क्योंकि कंप्यूटर में मौजूद डिजिटल जानकारी के ऊपर से जो रोशनी आती है यह उस रोशनी का इस्तमाल कर के बिल्कुल सटीक तरीके से और काफी तेज रफ्तार से बिना आवाज किए हमें उस डिजिटल जानकारी को कागज पर छाप कर देता हैं।
Inkjet Printer
यह एक दूसरा उत्तम श्रेणी का प्रिंटर होता है जिसमें एक हेड बना होता है और उसमे 64 विभिन्न छेद होते है जहां से इंक जेट निकलता है और वो जेट कागज पर विभिन्न प्रकार की जानकारी को बिना आवाज किए कागज पर छपने में मदद करता हैं।
अब आप प्रिंटर के विभिन्न प्रकार के बारे में विस्तारपूर्वक जान गए होंगे। आपको बता दें की केबल से कंप्यूटर को जोड़ कर पहले प्रिंट किया जाता था। आज कल wireless printer का जमाना आ गया है और लोग ऐसा प्रिंटर खरीदना पसंद करते हैं जिसे चलाने में तार का झंझट ना हो और बिना किसी तार के प्रिंटर को ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के जरिए कंप्यूटर से जोड़ दिया जाता है और कंप्यूटर में होने वाले डिजिटल कार्य को प्रिंटर अपने आप कागज पर छाप लेता हैं।
प्रिंटर चलने के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
यहाँ पर चार ऐसे पांच सवालों के जवाब दिए है जो की अक्सर लोग प्रिंटर के बारे में पूछते रहते हैं।
Q. प्रिंटर का खोज किसने किया?
प्रिंटर का खोज 1440 में गुटेनबर्ग ने अपने निजी इस्तमाल के लिए किया था उसके बाद 1450 में प्रिंटर का इस्तेमाल सार्वजनिक और व्यावसायिक रूप से शुरू किया गया।
Q. बिजली से चलने वाली प्रिंटर का खोज किसने किया था?
कंप्यूटर के पिता कहे जाने वाले चार्ल्स बैबेज ने 19वीं सदी में बिजली से चलने वाले प्रिंटर का खोज किया था।
Q. किस कंपनी ने सबसे पहले बिजली से चलने वाला प्रिंटर बनाया था?
जापान की इस्पो नाम की कंपनी ने सबसे पहले EP–101 नम के प्रिंटर को बनाया था। आज के कंपनियों की बात करें तो HP कंपनी ने सबसे पहला प्रिंटर बनाया था जिसका आज भी इस्तेमाल किया जा रहा हैं।
Q. आज के समय में सबसे अच्छा प्रिंटर कौन सा हैं?
आज के समय में वायरलेस लेजर प्रिंटर सबसे अच्छा माना जाता हैं।
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निष्कर्ष
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