आज भले ही मनोरंजन के लिए हमारे पास 10 तरह की चीजें हो जब मन करता आप मोबाइल पर कुछ भी देख पाते हो मगर एक समय ऐसा भी था जब लोगों के पास मनोरंजन करने के उपयुक्त साधन नहीं थे। तो क्या आपने कभी यह सोचा है उस वक्त मनोरंजन के लिए Radio Ka Avishkar Kisne Kiya इस आविष्कार ने विज्ञान की जगत में एक क्रांति लाने का कार्य किया इस अविष्कार के माध्यम से हम कहीं दूर बसे लोगों की बातचीत अपने घर में सुन सकते थे भारत में यह आविष्कार आकाशवाणी के नाम से प्रचलित हुआ।
रेडियो का आविष्कार किस तरह हो पाया किस तरह घर में बैठे एक आम इंसान ने कहीं दूर दुनिया में बैठे एक इंसान की बातचीत को सुनने का ख्वाब देखा और रेडियो का आविष्कार किसने किया यह सारी जानकारी इस लेख में आपको विस्तार पूर्वक बताई गई हैं।
रेडियो क्या हैं
रेडियो एक ऐसा उपकरण है जो हमारे आसपास मौजूद इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का इस्तेमाल करके कहीं दूर हो रहे बातचीत को हमारे कानों तक पहुंचाता है। रेडियो एक उपकरण है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों पर काम करता हैं।
आसान भाषा में कहें तो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें बहुत तरह की होती है उनमें से एक तरंग होती है रेडियो वेव्स रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके जब हम बिना किसी तार के सहारे एक जगह से दूसरे जगह तक अपनी बात को पहुंचाते है और इस प्रक्रिया में जिस उपकरण का इस्तेमाल करते है उस उपकरण को हम रेडियो कहते हैं।
रेडियो कैसे काम करता हैं
रेडियो एक खास तरह का उपकरण होता है जो रेडियो तरंगों के ऊपर काम करता है। इस उपकरण में एक एंटीना होता है जो श्रोता के पास मौजूद होता है जिसमें से रेडियो तरंगे निकलती है जब हम कुछ कहते है तो वह आवाज रेडियो तरंगों को छोड़ती है और यह रेडियो तरंग में जो छेड़छाड़ होती है इसे लोगों के पास मौजूद रेडियो रिसीवर से पकड़ा जाता है और हमें सुनाई देता हैं।
अर्थात रेडियो दो एंटीना के बीच चलता है एक एंटीना श्रोता के पास होता है और दूसरा हमारे रेडियो में होता है जब श्रोता के पास मौजूद एंटीना में छेड़छाड़ होता है तो हमारे रेडियो में आवाज सुनाई देती हैं।
आज के आधुनिक युग में हम अपने आसपास रेडियो तरंगों का इस्तेमाल बड़े जोर शोर से कर रहे है। आज हम जिस मोबाइल से बात करते हैं जिसे रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल करते हैं यह सब रेडियो तरंगों पर आधारित है और रेडियो का आविष्कार से प्रेरित होकर बनाई गई हैं।
रेडियो का आविष्कार किसने किया
आज हम अपने रोजमर्रा के जीवन में रेडियो तरंगों से बने हुए उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे है। इन रेडियो तरंगों से चलने वाले उपकरण की मदद से हमारे जीवन काफी आसान बन चुका है रेडियो की खोज के बाद रेडियो तरंगों का इस्तेमाल आम बात हो गई और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके हमने रडार जैसे तकनीक को खोजा किया जिसके बाद देश की मिलिट्री सिस्टम को भी काफी फायदा मिला।
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि रेडियो तरंगों किस सिद्धांत को किसने दिया तो इसमें 20 से ज्यादा बड़े बड़े वैज्ञानिकों का नाम शामिल है रेडियो को बनाने में भी बहुत सारे वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया है मगर मुख्य श्रेय हम Guglielmo Marconi को देते हैं।
मारकोनी को बेतार का जन्मदाता कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि मारकोनी ही वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने हमें यह बताया था कि बिना तार की मदद से हम अपनी बात को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा सकते हैं।
1880 में Heinrich Rudolf Hertz वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का खोज किया और उन्होंने यह भी बताया कि इसके विभिन्न प्रकार होते है उसके बाद मारकोनी वह पहले व्यक्ति बने जिन्होंने इन तरंगों के सही उपयोग में महारत हासिल की। उसके बाद मारकोनी ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के बारे में जानकारी हासिल की तत्पश्चात रेडियो वेव्स के जरिए दूरसंचार को आसान बना पाए मारकोनी ने 1890 में रेडियो का आविष्कार किया।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों की खोज होने के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिक इन तरंगों को इस्तेमाल करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरण बना रहे थे मगर मारकोनी वह पहले व्यक्ति बने जिन्होंने रेडियो तरंगों का इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया और हमें अपनी बात दूर तक पहुंचाने के लिए रेडियो का इस्तेमाल करना सिखाया।
आगे चलके इसी सिद्धांत के बिनाह पर वैज्ञानिकों ने बिना तार का मोबाइल फोन अर्थात आज का स्मार्टफोन बना पाए।
रेडियो का इतिहास
अगर हम रेडियो की इतिहास की बात करें तो हमारे बीच बहुत सारे वैज्ञानिकों के नाम आयेंगे, हम यह कह सकते हैं कि रेडियो तरंगों के आविष्कार और रेडियो तरंगों को अलग-अलग उपकरणों की मदद से काबू करना एक विज्ञानिक का काम नहीं है इसमें बहुत सारे वैज्ञानिकों का योगदान रहा हैं।
James Clerk Maxwell वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों के बारे में बताया। वह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों पर काम करते थे, इसपर काम करने के दौरान उन्होंने उन तरंगों के बारे में दुनिया को बताया और भी विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी मगर स्पष्ट रुप से जानकारी को समझा नहीं पाए और उन तरंगों से जुड़े बहुत सारे सवालों के जवाब नहीं दे पाए।
उसके बाद Oliver आए उन्होने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों को विस्तार से समझाया मगर वह भी बहुत सारे सवालों के जवाब स्पष्ट रूप से नहीं दे पाए जिसके बाद Heinrich Rudolf Hertz आए और इन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी और उनके स्पष्ट रूप से जवाब भी दिए जिसके बाद तरंगों को मापने के लिए Hz यूनिट का प्रयोग करते हैं।
मगर हर्ट्ज भी उन तरंगों का इस्तेमाल है नहीं कर पाए थे जिसके बाद मारकोनी पहले शख्स बने जिन्होंने रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके अपनी बात को एक जगह से दूसरी जगह तक बिना किसी तार के सहारे पहुंचाने के लिए रेडियो उपकरण की खोज की।
आखिरकार 1896 में मारकोनी ने रेडियो का खोज किया शुरुआत में इस खोज का उपयोग केवल सेना करती थी ताकि वह एक जगह से दूसरे जगह तक बात को पहुंचा सके मगर इस यंत्र के कारगर साबित होने पर सरकार ने इसका इस्तेमाल आम जनता को भी करने की अनुमति दी, दशकों बाद 1920 में रेडियो को भारत लाया गया। 1923 में मुंबई में रेडियो क्लब का गठन किया गया जहां से रेडियो का प्रशासन शुरू किया गया इसके कारगर साबित होने के बाद 1927 में रेडियो ट्रांसमीटर कोलकाता में भी खुला जहां से पूरे भारत में रेडियो प्रसारण शुरू किया गया।
रेडियो के फायदे
रेडियो के बहुत सारे फायदे है आज भी इस उपकरण का इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के जीवन में बहुत सारे यंत्रों में करते है जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
- रेडियो का इस्तेमाल हम अपने मोबाइल में करते हैं।
- रेडियो के इस्तेमाल से हम FM और गाना सुनकर अपना मनोरंजन करते हैं।
- रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके हम रिमोट कंट्रोल यंत्रों को बनाते हैं।
- रेडियो का इस्तेमाल रडार के द्वारा सेना में किया जाता हैं।
- रेडियो तरंगों का इस्तेमाल हम रेडियो उपकरण के अलावा और भी अलग-अलग रिसर्च और मशीन में करते हैं।
Radio के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
यहाँ पर मैंने ऐसे पांच सवालों के जवाब दिए है जो की अक्सर लोग रेडियो एप के बारे में पूछते रहते हैं।
Q. रेडियो किसने बनाया?
रेडियो का आविष्कार 1896 में मारकोनी ने किया था।
Q. रेडियो किस सिद्धांत पर काम करता हैं?
रेडियो एक उपकरण है जो रेडियो तरंगों पर काम करता है। तो हम यह केह सकते है की रेडियो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव के प्रकार रेडियो तरंगों के चलने के सिद्धांत पर काम करता हैं।
Q. रेडियो कैसे काम करता हैं?
रेडियो दो तरह के एंटीना के बीच बात करवाता है जिसमें श्रोता के पास एक एंटीना होता है जिसमें बोलने पर रेडियो तरंगों में छेड़छाड़ होती है जिसे सुनने वाले के पास मौजूद थे एंटीना पकड़ता है और हमें उस बात को सुनाता है और इस तरह एक रेडियो काम करता हैं।
Q. रेडियो का आज के टाइम में क्या उपयोग हैं?
आज के समय में रेडियो सेना में इस्तेमाल होता है जिससे रेडा और सुनार जैसी सुविधाएं हमें मिलती है, इसके अलावा हम आज बिना तार वाले मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं यह रेडियो तरंगों की ही वजह से संभव हो पाया।
Q. भारत में रेडियो कब आया?
भारत में रेडियो 1920 में आया, और 1923 में इसका पहला प्रसारण किया गया।
निष्कर्ष
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