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Home»All Info»चांद पर जाने वाला पहला भारतीय कौन था?
All Info

चांद पर जाने वाला पहला भारतीय कौन था?

By Junaid BashirSunday, November 13th, 20225 Mins Read
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Chand per jaane wala pehle Bhartiya kaun tha
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चांद और आकाश को देखकर अलग-अलग प्रकार के प्रश्न हमारे मन में आते है। अगर आपका प्रश्न है कि Chand Par Jane Wala Pehla Bhartiya Kaun Tha तो आज हम आपको भारत की एक चंद्र सफलता के बारे में बताने जा रहे है जिसे पढ़कर आप समझ पाएंगे कि भारत किस तरह चांद पर जा पाया और चांद पर जाना क्यों इतना महत्वपूर्ण है। 

अगर हम रात में आसमान देखते है तो चांद सबसे महत्वपूर्ण और खूबसूरत वस्तु के रूप में दिखाई देता है। विज्ञान में इस चांद को सेटेलाइट कहा गया है तो हर धर्म ने चांद को खूबसूरत और देवताओं के अतुलनीय उपहार के रूप में दिखाया है। अगर हम बात करें चांद पर जाने वाले पहले भारतीय कौन थे तो वर्तमान समय तक तो चांद पर बहुत सारे देश के तरफ से बहुत सारे लोग जा चुके है मगर भारत से केवल एक ही व्यक्ति गया है जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गई है। 

चांद क्या है

चांद एक खगोलीय पिंड है जो धरती का चक्कर काटता है। वैज्ञानिकों के द्वारा चांद को एक उपग्रह माना जाता है जो धरती का चक्कर काटता है और यहां के मौसम को जीवन के लिए सटीक बनाता है। चांद एक प्राकृतिक उपग्रह है जो धरती का चक्कर काटता है और धरती पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को उचित मौसम प्रदान करता है साथ ही रात में सूर्य की रोशनी धरती तक पहुंचाता है।

वैसे एक खूबसूरत कल्पना के जरिए अगर वैज्ञानिक पहलुओं को ध्यान पूर्वक देखें तो हम समझ पाएंगे कि चांद संयोग और चमत्कार का खूबसूरत परिभाषा है। आज से कई लाख करोड़ साल पहले जब एक अनजान खगोलीय पिंड धरती पर गिरा तो प्रशांत महासागर के इलाके से बहुत बड़ा टुकड़ा धरती से कटकर अलग हुआ जिसे आज हम चंद्रमा के नाम से जानते है। 

मगर वह खगोलीय पिंड धरती पर इसलिए गिरा था क्योंकि अंतरिक्ष में हर पल होने वाले धमाकों की वजह से वह खगोलीय पिंड 2 सेंटीमीटर झुक गया था। किसी भी व्याख्या में यह संयोग और चमत्कार का खूबसूरत वर्णन हो सकता है कि किस तरह एक छोटे से सहयोग ने धरती पर बहुत बड़ा धमाका किया और एक प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा को धरती के चारों और सदैव के लिए छोड़ दिया जिस वजह से यहां का पर्यावरण नवजीवन को शुरू करने का जरिया बन सका।

चंद्रमा बहुत ही आवश्यक खगोलीय पिंड है जिसे धरती का प्राकृतिक उपग्रह कहा जाता है। सदैव धरती का चक्कर काटते रहता है धरती पर समुद्र में होने वाले लो टाइड और हाई टाइड के लिए भी चंद्रमा जिम्मेदार है।

चांद पर जाने वाला पहला भारतीय कौन था

चांद हमेशा से धरती पर रहने वाले लोगों के लिए अलग-अलग तरह के रहस्यमई सवालों की घुट्टी बना रहा है। अक्सर रात के अंधेरे में चांद को देखकर लोग अलग-अलग प्रकार की कल्पना करते है ज्यादातर कल्पनाओं में चांद को खूबसूरती के उपमा के रूप में दर्शाया जाता है। अगर हम बात करें चांद पर जाने वाले व्यक्तियों की तो विश्व का सबसे पहला व्यक्ति जो चांद पर कदम रखा था उसके बारे में हर कोई जानता है जिसका नाम नील आर्मस्ट्रांग है।

मगर हम आपको बता दें कि जब अंतरिक्ष आना शुरू हुआ तब भारत के पास इतना संसाधन नहीं था। यही कारण था कि 138वें अंतरिक्ष यात्री के रूप में भारत की तरफ से राकेश शर्मा वह पहले व्यक्ति बने जो अंतरिक्ष में गए। भारत की तरफ से चांद पर जाने वाले पहले भारतीय का नाम राकेश शर्मा था।

चांद पर भी कोई इंसान उतर सकता है यह ख्याल सबसे पहले एक रूसी वैज्ञानिक के मन में आया था जिन्होंने बहुत सारे प्रयोग किए मगर हर बार असफल रहे। उनकी असफलताओं से प्रेरणा लेकर अपोलो 11 मिशन के तहत अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग वह पहले व्यक्ति बने जिन्होंने 1969 में पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा। मगर इसके बाद विश्व के बहुत सारे देशों ने बार-बार चंद्रमा पर आने की प्रतिक्रिया जारी रखी। 

इसी प्रतिक्रिया के दौरान रूस के साथ भारत अपनी मित्रता को दर्शाते हुए एक अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देता है जिसमें भारतीय वायु सेना के राकेश शर्मा 138 में व्यक्ति के रूप में अंतरिक्ष में जाते है। वह भारत की तरफ से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति थे उन्होंने 238 दिनों तक अंतरिक्ष की यात्रा की थी। इस दौरान वह चांद पर भी गए थे और अंतरिक्ष से विश्व के अलग-अलग क्षेत्र की बेहतरीन फोटोग्राफ को भी धरती पर साझा किया था।

भारत की तरफ से इस ऐतिहासिक घटना को राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 में सोयूज टी-11 अंतरिक्ष मिशन के तहत पूरा किया था। उन्होंने 3 अप्रैल 1984 को शाम 6:34 पर सोयूज टी-11 नाम के जहाज से अंतरिक्ष में प्रवास किया था। उनके हिसाब से उन्होंने अंतरिक्ष में 7 दिन बिताए थे और 33 प्रयोग किए थे मगर जब वह धरती पर वापस लौटे तब तक धरती पर 238 दिन बीत चुके थे। यहां से अंतरिक्ष यात्रा की एक अलग पहलू की शुरुआत होती है और राकेश शर्मा के द्वारा किए गए प्रयोग आज भी अलग-अलग तरह के अंतरिक्ष मिशन में काम आते है।

निष्कर्ष

अगर आपको Chand Par Jane Wala Pehla Bhartiya Kaun Tha लेख हेल्पफुल रहा है तो फिर आप यह लेख अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना और इसके अलावा अगर आपको इस लेख से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो उसके लिए आप नीचे कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Chand Par Jane Wala Pehla Bhartiya Kaun Tha
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Junaid Bashir
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Hey there, I'm Junaid Bashir, a fervent explorer of ideas and a passionate contributor to the intellectual tapestry of WikiCatch. With an insatiable curiosity for the world's mysteries, I dive into the depths of knowledge to bring you articles that enlighten, engage, and inspire

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