दोस्तों पैराग्राफ राइटिंग करना जितना आसान लगता है उतना आसान होता नहीं है। कभी-कभी हमें कॉम्पिटेटिव एक्जाम में और अन्य आवश्यक जगहों पर पैराग्राफ राइटिंग करने की आवश्यकता आन पड़ती है। अब सवाल उठता है कि आखिर कैसे हम Paragraph Writing In Hindi कर सकते हैं।
अगर आपको पैराग्राफ जानकारी नहीं है तो कोई बात नहीं यहां पर हम आपको अपने इस महत्वपूर्ण लेख में पैराग्राफ राइटिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और साथ ही में आपको पैराग्राफ राइटिंग कैसे करते है? के बारे में भी विस्तार से बताएंगे और इतना ही नहीं आपको इसी लेख में पैराग्राफ राइटिंग के कुछ सैंपल भी देखने को मिल जाएगा जिससे आप आसानी से पैराग्राफ राइटिंग को सीख सकते हो तो चलिए बिना किसी विलंब के हम लोग अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेखकों प्रारंभ करते है और लेख को पूरा अंतिम तक पढ़ते हैं।
प्रग्राफ राइटिंग क्या है – Paragraph Writing In Hindi
इससे पहले आप अनुच्छेद लिखें के बारे में जानकारी जान है यह आवश्यक है कि आप समझ गए कि अनुच्छेद लिखना किसे कहते है और इसकी परिभाषा क्या हैं।
अनुच्छेद लिखना काफी सरल काम है अगर हम इसकी परिभाषा की बात करें तो आप यह कह सकते है अपने बात को सटीकता से कम शब्दों में बताने की कला को अनुच्छेद लिखने की कला कहते है। अनुच्छेद को ही अंग्रेजी में पैराग्राफ राइटिंग कहते है। आप यह भी कह सकते हैं कि किसी निबंध को 80 से 100 शब्दों में इस तरह व्यक्त करना या लिखना कि उसे पढ़ने के बाद सभी जानकारी समझना आसान हो जाए तो हम इसे अनुच्छेद लेखन कह सकते हैं।
इसे ना केवल विद्यालय की परीक्षा में बल्कि विभिन्न सरकारी नौकरियों में आपको अनुच्छेद लिखने का कार्य दिया जाता है जीवन के विभिन्न परिस्थितियों में भी आपको अपनी बात सटीकता से अस्पष्ट रुप में कम शब्दों में बताने की आवश्यकता पड़ सकती है इस वजह से इस कला पर महारत हासिल करना आवश्यक हैं।
आपको बता दें कि अनुच्छेद लिखना केवल कम शब्दों में अपनी बात को लिखना नहीं है उसके लिए आपको कुछ मुख्य बातों का ध्यान रखना पड़ता है जिसे हम अनुच्छेद लिखने का नियम कहते हैं इसका क्या नियम होता है यह समझने के लिए नीचे बताई गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
अनुच्छेद कैसे लिखते है
अनुच्छेद लिखने की कुछ खास प्रक्रिया होती है जिसके बारे में आपको अच्छी जानकारी होनी चाहिए एक अच्छा अनुच्छेद किसे कहते हैं इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है जिसे पढ़ने के बाद आपको स्वयं में एक उत्तम कोटि का अनुच्छेद लिख पाएंगे –
- अनुच्छेद किसी एक भाव या विचार को एक स्थान पर कुछ वाक्यों के समूह के जरिए व्यक्त करने का कार्य करता हैं।
- अनुच्छेद के सभी वाक्य छोटे और एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं।
- उच्च कोटि के अनुच्छेद को इस क्रम में सजाया जाता है कि ऊपर मध्य और नीचे किस सभी वाक्य एक दूसरे से जुड़े और किसी को भी पढ़ने में कोई समस्या ना हो।
- अनुच्छेद एक पूर्ण रचना है जिसमें कोई भी वाक्य अनावश्यक इस्तेमाल नहीं की जाती।
पैराग्राफ राइटिंग करने के लिए टिप्स
पैराग्राफ लिखने के नियम में तो केवल इतना ही है कि आपको अपनी बात कम शब्दों में किसी के समक्ष रखनी है मगर इस कार्य को बेहतर ढंग से करने के लिए आपको कुछ टिप्स जानना चाहिए जिसका इस्तेमाल करके आपके द्वारा लिखा गया अनुच्छेद को सर्वोत्तम अनुच्छेद कहा जाए और कोई भी व्यक्ति आपके कुछ शब्दों के बेवरे को पढ़कर पूरी जानकारी अच्छे से समझ ले।
- अनुच्छेद लिखने से पहले रूपरेखा और संकेत बिंदु बनानी चाहिए। कुछ प्रश्न पत्र में संकेत बिंदु पहले से ही बनाए रखते है ताकि आपको परीक्षा में अनुच्छेद लिखने में दिक्कत ना हो।
- अगर किसी दो पक्ष की बात चल रही है तो अनुच्छेद में किसी एक पक्ष के बारे में ही लिखा जाता है क्योंकि अनुच्छेद में शब्दों की एक सीमा होती है इस वजह से हमें एक पक्ष की बात को ही स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।
- अनुच्छेद कुछ वाक्यों का समूह है उसमें कोई भी वाक्य अनावश्यक नहीं लिखा जाता।
- अनुच्छेद में हमेशा एक रूपता होनी चाहिए ताकि ऐसा ना लगे की विषय से हटकर कोई बात कही गई हैं।
- आपको अनुच्छेद इस प्रकार लिखना है कि लोगों को वह बात अच्छे से समझ में आ जाए मगर अनावश्यक विस्तार से भी बचना है अर्थात किसी बात को इतना विस्तार से नहीं बताना है क्या शब्द सीमा के पार चले जाएं।
- एक अनुच्छेद में आप किसी किस्म की शायरी या कविता की पंक्ति का इस्तेमाल करके अपने अनुच्छेद को खूबसूरत बना सकते हैं।
- अनुच्छेद के अंत होने तक विषय की सभी बात अच्छे से समझ आ जानी चाहिए।
पैराग्राफ राइटिंग के सैंपल
पैराग्राफ राइटिंग क्या होती है? और कैसे लिखते है? इन सब के बारे में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी मिल गई होगी अब नीचे हम आपको कुछ उदाहरण पेश कर रहे है जिसे पढ़ने के बाद आप पैराग्राफ कैसे लिखते है इस बात को अपने मस्तिष्क में अच्छे से उतार पाएंगे –
समय किसी के लिए नहीं रुकता
समय निरंतर बीतता रहता है यह कभी किसी के लिए नहीं ठहरता। हमारे ग्रंथ में भी कहा गया है कि समय से बलवाना कोई नहीं है। समय ही इंसान के परिस्थिति का निर्माता है। इस वजह से अपनी परिस्थिति के अनुसार जो अपना कार्य समय पर पूरा करता है उसी के अच्छे भविष्य निर्माण हो पाता है। हर किसी के लिए समय का महत्व अलग होता है, एक विद्यार्थी के लिए उसकी पढ़ाई करने का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है इस वजह से जो विद्यार्थी सुबह समय पर उठकर अपना सभी कार्य समय पर पूरा कर लेता है और अपने पढ़ने का समय निर्धारित रखता है वही आगे चलके अपने लिए एक अच्छे भविष्य का निर्माण करता हैं।
समय किसी के लिए नहीं रुकता है इस निर्वाचित समय की क्रूरता का अंदाजा आप धर्म, इतिहास और वर्तमान में स्पष्ट रूप से देख सकते है। धर्म को पढ़ते वक्त आप यह पाएंगे कि परिस्थितियां ऐसी आई जब भगवान राम को जंगल जाना पड़ा और वह गए समय के आगे उनकी नहीं चली। इतिहास में आप पाएंगे कि एक ऐसा राजा था जिसने स्वयं को युद्ध के लिए समय पर तैयार नहीं किया और दुश्मन के गुरूर तलवारों के नीचे दबकर दम तोड़ दिया। वर्तमान में भी समय किसी के लिए नहीं रुकता है इस बात का कुरूर संकेत मौजूद है जब बच्चे अपने समय का सही इस्तेमाल नहीं करते और अंत में किसी भी सार्थक नौकरी के लिए वह सटीक नहीं होते, इसी वजह से बेरोजगारी की मात्रा दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं।
राष्ट्र विकास में विद्यार्थी का कर्तव्य
विद्यार्थी आने वाले राष्ट्रीय की नींव होती है उनकी उत्तरणता यह निश्चित करती है किसी भी राष्ट्र का आने वाला भविष्य कैसा होगा। एक छात्र शिक्षा प्राप्त करता है ताकि अपने शिक्षा का इस कदर इस्तेमाल कर सकें कि राष्ट्र की उन्नति हो सके। एक राष्ट्र हमें अन्य स्वास्थ्य घर जैसी सुविधा देता है जिसके प्रति हमें अपने राष्ट्र के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए। किसी राष्ट्र के प्रति विद्यार्थी का कर्तव्य होता है कि वह ऐसी शिक्षा ग्रहण करें जिससे राष्ट्र का विकास हो और राष्ट्र के प्रति उच्च भावनाओं का विकास करें। राष्ट्र के प्रति अच्छी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बचपन से ही स्काउट या एनसीसी जैसी सुविधा लेनी चाहिए।
एक विद्यार्थी को विद्या ग्रहण करने के अलावा इस प्रकार की शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए जो उसे देश के प्रति कृतज्ञ रहने की सीख दे। इसके अलावा एक विद्यार्थी को मौका पड़ने पर देश की वाणी से अपनी वाणी मिला लेनी चाहिए। एक विद्यार्थी को सदैव ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए कि जब उसकी आवश्यकता देश के लिए पड़े वह देश के लिए सदैव खड़ा रहे।
अभ्यास का महत्व
चाहे अब जीवन में कोई भी कार्य कर रहे हो उसमें अभ्यास का अधिक महत्व होता है। कोई भी कार्य अगर आपको एक बार सिखा दिया जाए तो आप उसे समझ सकते है मगर उसमें आपके निपुणता अभ्यास से आएगी। हमारे बीच ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं जो अपने अभ्यास के दम पर स्वयं को कहां से कहां पहुंचा लिया। अभ्यास से उन्नति हासिल करने में ऐतिहासिक उदाहरण में सबसे पहला नाम एकलव्य और कर्ण जैसे लोगों का आता है। अगर हम धार्मिक इतिहास से छोड़ कर बात करें तो भीमराव अंबेडकर से बड़ा उदाहरण शायद ही कोई मौजूद होगा जिनके समक्ष सारी दुनिया खड़ी थी मगर उनके गाली को सुनकर भी वह अपना अभ्यास नहीं छोड़े और भारतीय संविधान की रचना करने वाले महान व्यक्ति बने।
हमारे ग्रंथों में भी लिखा गया है कि “करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान रस्सी आवत जात ते सिल पर परत निशान”।
इस दुआ को समझने वाला और लिखने वाला वर्धराज एक मंदबुद्धि बालक था जिसने अभ्यास के महत्व को समझा और अपने जीवन में कई ग्रंथों की रचना की। अभ्यास ही वो चीज है जो हर विद्यार्थी अपने जीवन में उतार सकता है और किसी भी विषय में पारंगत हो सकता है। अभ्यास करने में मेहनत लगता है इस वजह से लोग अभ्यास करने से डरते हैं मगर आपको यह भी समझना होगा कि परिश्रम अभ्यास में है और जो जितना परिश्रम करता है उतना ही अधिक अभ्यास कर पाता है उसका अभ्यास उसके क्षेत्र में उसे सर्वश्रेष्ठ बनाता हैं।
निष्कर्ष
अगर आपको Paragraph Writing In Hindi लेख हेल्पफुल रहा है तो फिर आप यह लेख अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना।इसके अलावा अगर आपको इस लेख से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो उसके लिए आप निचे कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।