इंटरनेट आज हमारी जरूरत का एक हिस्सा बन चुका है अपने रोजमर्रा के जीवन में बिना इंटरनेट बहुत सारे इस कार्य है जिन्हे करने में परेशानी आ सकती है। मगर क्या आपके मन में कभी इंटरनेट के बारे में जानकारी पाने की जिज्ञासा उठी है तो इस लेख में हम आपको Internet In Hindi में बताएंगे।
इंटरनेट एक बहुत बड़ा कंप्यूटर का जाल है जिसमें हम एक से ज्यादा कंप्यूटर को जोड़ते हैं और विभिन्न प्रकार की जानकारियों को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से साझा कर पाते हैं।
Internet In Hindi
इंटरनेट बहुत सारे कंप्यूटर का एक जाल है जिसमें हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर अपनी जानकारी को साझा करते हैं।
बिना किसी को पता चले अपनी जानकारी कहीं पहुंचा सकें इसके लिए इंटरनेट का खोज किया गया था धीरे धीरे इसमें बहुत सारे कंप्यूटर जुड़े और यह जाल बड़ा हो गया।
जैसा कि हमने बताया कि इंटरनेट बहुत सारे कंप्यूटर का एक जाल है इसकी कोई अधिकारी कंफर्म नहीं है कहीं भी किसी ने इंटरनेट के फुल फॉर्म का जिक्र नहीं किया मगर आज इंटरनेट पर मौजूद कुछ लोगों ने अपने मन से इंटरनेट का फुल फॉर्म बनाया जिसे काफी सराहा गया तो हम यह कह सकते हैं कि इंटरनेट का फुल फॉर्म Interconnected Network होता हैं।
Internet कैसे काम करता है
इंटरनेट बहुत सारे कंप्यूटर को एक साथ जोड़ कर काम करता है अर्थात तार या बिना तार के माध्यम से हम एक से ज्यादा कंप्यूटर को आपस में जोड़ लेते है और www के सिस्टम के जरिए एक समय पर सभी कंप्यूटर के साथ कुछ साझा करते है जिसे वेबसाइट या वेबपेज कहते है और इस पूरी प्रक्रिया को इंटरनेट कहा जाता हैं।
इंटरनेट इस प्रकार कंप्यूटर के समूह को बनाता है जिसमें हम अपनी जानकारी किसी भी दूसरे कंप्यूटर के साथ आसानी से साझा कर सकते हैं वही डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू एक ऐसा सिस्टम है जो इस प्रकार कंप्यूटर को जोड़ता है कि हम जब भी कुछ साझा करें तो सारे कंप्यूटर एक साथ उसे देख सकते हैं।
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Internet किसने बनाया है
इंटरनेट का कोई एक आधिकारिक मालिक नहीं है इसका आविष्कार अमेरिका के सैनिकों द्वारा शीत युद्ध के दौरान किया गया था। एक अमेरिकी एजेंसी में इंटरनेट बनाने के बारे में नहीं सोचा गया था वह चाहते थे कि कुछ कंप्यूटर को आपस में जोड़ कर बात किया जा सके वो ऐसा करने में कामयाब भी हुए शालों तक ऐसा ही चलता रहा उसके बाद किसी वैज्ञानिक के समूह ने एक से ज्यादा कंप्यूटर को आपस में जोड़ने के इस ख्याल को बड़ा बनाया धीरे-धीरे लाखों कंप्यूटर इसमें छोड़ गए और इंटरनेट हमारे बीच आया।
आप यह कह सकते है कि अमेरिकी सैनिकों ने जब इसे बनाया था तो अमेरिका ने इंटरनेट का स्वामित्व क्यों नहीं लिया?
ऐसा इसलिए था क्योंकि जब इंटरनेट बड़ा बन रहा था तो पूरे विश्व से लोगों ने अपने कंप्यूटर को जोड़ा था और उसमें पूरी दुनिया के लाखों कंप्यूटर जुड़े हुए थे इस वक्त किसी एक देश के स्वामित्व को लेने से सभी देश अपने कंप्यूटर वापस ले लेते है जिस वजह से इंटरनेट केवल छोटा सा कंप्यूटर का समूह बन जाता।
अन्नदाता 1982 में हर जुड़े हुए कंप्यूटर को उसका एक एड्रेस दिया गया ताकि कहीं से भी बैठकर हम यह पता लगा सके कि किस कंप्यूटर में किस प्रकार की जानकारी को इस समूह में साझा किया है इस एड्रेस को आईपी एड्रेस का नाम दिया गया और हमारे बीच घड़ी से नेटवर्क का जाल बिछ गया जिसे हमने इंटरनेट का नाम दिया।
Internet का इतिहास
इंटरनेट की इतिहास के बाद करें 1957 में अमेरिकी सैनिकों ने एजेंसी बनाया जिनका काम शीत युद्ध के दौरान विभिन्न टेक्नोलॉजी ऊपर रिसर्च करना था ताकि वह रसिया से आगे निकल सके। इस एजेंसी ने 1962 में एक ऐसी कला का खोज किया जिसमें वह चार कंप्यूटर को बिना किसी तार के माध्यम से जोड़ कर बात कर सकते थे उन्होने इसका नाम ARPANET रखा।
अमेरिका का यह खोज आधुनिकता के योग क्रांति का कार्य किया अमेरिका का यह मानना था कि वह अपने चार कंप्यूटर को युद्ध के दौरान अलग-अलग जगह पर रख देंगे और दुश्मन के हर एक चाल को बड़ी आसानी से समझ सकते है। 1970 तक अमेरिका ने यह ऐलान किया वह चार कंप्यूटर का समूह बढ़कर 37 हो चुका है जिसके बाद उन्हें इस बात का आदेश दिया कि वह इस टेक्नोलॉजी को सभी के साथ साझा करें।
1975 तक इंग्लैंड, नॉर्वे, रसिया वह देश बने जिन्होंने इस टेक्नोलॉजी को अपनाया। नॉर्वे और जर्मनी कुछ ऐसे देश हुए जिन्होंने अपने देश के लोगों को इस टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने का मौका दिया धीरे-धीरे आम जनता अपने कंप्यूटर के साथ इस टेक्नोलॉजी में जुड़े और यह संख्या बढ़ते बढ़ते लाखों-करोड़ों तक पहुंच गई।
1982 में यह सवाल उठा कि जब इस कंप्यूटर के समूह में कोई एक कंप्यूटर गलत जानकारी साझा कर देगा तो उसे कैसे पकड़ा जाएगा?
इसी समस्या का समाधान करते हुए 1982 में हर एक कंप्यूटर को IP एड्रेस दिया गया जिससे यह पता चल सके कि कौन सा कंप्यूटर किस वक्त कौन सी जानकारी को साझा कर रहा है और इस नेटवर्क के समूह का नाम ARPANET से इंटरनेट कर दिया गया।
1982 तक कुछ कंप्यूटर आपस में जुड़ गए थे और हर कंप्यूटर का अपना एक आईपी एड्रेस था और अब जिस कंप्यूटर के साथ चाहे उस कंप्यूटर के साथ अपनी जानकारी साझा कर सकते थे। मगर अभी भी कुछ कमी लग रही थी 1990 में Tim Berners Lee नाम के एक व्यक्ति ने www की खोज की उसके बाद हमारे सामने इंटरनेट का एक नया रूप आया।
www एक ऐसा सिस्टम था जहां हम कुछ भी साझा करें इस नेटवर्क में जुड़े हर कंप्यूटर के साथ एक बार में साझा हो सकता था लोगों ने अलग-अलग पेज बनाए जिससे वेब पेज का नाम से कहा गया। आज हम जो भी वेब पेज या वेबसाइट देख रहे है यह www की वजह से काम कर रहा है हम जैसे ही कुछ साझा करते है इंटरनेट के इस बड़े से नेटवर्क में जुड़े हुए सारे कंप्यूटर के साथ वह जानकारी एक बार में साझा हो जाती है और जिसे भी देखना हो वह उस नाम के वेब पेज पर जाकर देख सकता हैं।
इन सभी के साथ 1990 में हमारे बीच एक कंप्यूटर का ऐसा जाल बन गया जहां हमारे पास और विभिन्न प्रकार के वेबसाइट थे जो हमें दुनिया भर की जानकारी प्रदान कर रहे थे इसका नाम हमने इंटरनेट दिया।
Internet के फायदे
इंटरनेट की मदद से हमें बहुत सारे फायदे होते हैं उनमें से कुछ फायदा के बारे में नीचे बताया गया हैं।
- इंटरनेट की मदद से हम अपने किसी भी जानकारी को पूरे विश्व के लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
- इंटरनेट की मदद से हम किसी भी चीज की जानकारी पा सकते हैं।
- इंटरनेट की मदद से हम किसी भी नए फिल्मी गाने वीडियो को देख सकते हैं।
- हमें कुछ भी सीखने के लिए आज किसी खास प्रकार के कोर्स करने की आवश्यकता नहीं है हम केवल इंटरनेट के माध्यम से किसी भी प्रकार का कोर्स कर सकते हैं।
Internet के नुकसान
इंटरनेट की वजह से बहुत सारे नुकसान भी हो रहे हैं जिनके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया हैं।
- इंटरनेट की वजह से हमें किसी भी प्रकार की जानकारी बड़ी आसानी से मिल जा रही है जिस वजह से इंसान कंप्यूटर पर निर्भर होता जा रहा हैं।
- इंटरनेट के माध्यम से हमें अपने मनोरंजन के लिए या फिर खुश होने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है हम इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के वीडियो और फोटो देख कर अपना मनोरंजन कर सकते है जिस वजह से इंसानी दिमाग कमजोर होता जा रहा हैं।
- इंटरनेट हम कंप्यूटर पर चलाते हैं और कंप्यूटर के चलने पर उसमें से हानिकारक किरने निकलती है जो हमारी आंख को खराब कर सकती हैं।
Internet के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
यहाँ पर मैंने ऐसे कुछ सवालों के जवाब दिए है जो की अक्सर लोग इंटरनेट के बारे में पूछते रहते हैं।
Q. इंटरनेट का खोज किसने किया?
इंटरनेट का खोज अमेरिका के सैनिकों ने शीत युद्ध के दौरान अपनी जानकारी को साझा करने के लिए किया था उस वक्त इसका नाम ARPANET दिया गया था आगे चलकर इस नेटवर्क में और भी कंप्यूटर जुड़े और इसका नाम इंटरनेट कर दिया गया।
Q. इंटरनेट का मालिक कौन हैं?
इंटरनेट एक बहुत बड़े कंप्यूटर का समूह है जिसमें पूरी दुनिया के कंप्यूटर जुड़े हुए है इस वजह से इसका कोई एकलौता मालिक नहीं हैं।
Q. इंटरनेट कैसे काम करता हैं?
इंटरनेट बहुत सारे कंप्यूटर को एक साथ जोड़ लेता है और www सिस्टम की मदद से जब हम कोई साझा करते है तो सभी कंप्यूटर के साथ एक समय में साझा हो जाती हैं।
Q. इंटरनेट का पुराना नाम क्या था?
इंटरनेट का पुराना नाम और पाने तथा जो भी से 1962 में अमेरिकी सैनिकों ने खोजा था तो इसे ARPANET के नाम से जाना जाता था बाद में जब कंप्यूटरों की संख्या बढ़ गई तो नेटवर्क ऑफ नेटवर्क के लाइन से प्रेरित होकर इंटरनेट का नाम रखा गया।
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निष्कर्ष
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